ठेकेदार सहित सिंचाई विभाग के तीन अभियंताओं पर खनन चोरी का मामला दर्ज

हल्द्वानी। नैनीताल के हल्द्वानी गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की सुरक्षा दीवार के निर्माण में गौला नदी से अवैध तरीके से रेता-बजरी के उपयोग करने का आरोप है। इस आरोप में ठेकेदार समेत सिंचाई विभाग के तीन अपर सहायक अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ये मुकदमा तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज में वन अधिनियम की धारा 26 के तहत दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं, मामला गंभीर होने के कारण जिला प्रशासन ने थर्ड पार्टी से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, पिछले साल बरसात में गौला नदी के उफान पर आने से स्टेडियम की सुरक्षा दीवार को नुकसान पहुंचा था। इसके बचाव के लिए सिंचाई विभाग 36 करोड़ की लागत से दीवार बना रहा है। फरवरी 2025 में इसका काम शुरू किया गया था। आरोप है कि यहां निर्माण के दौरान नदी से ही ठेकेदार अपने वाहनों से माल उठा रहा था। स्टेडियम की सुरक्षा के लिए 460 मीटर लंबी और 9 मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार बनाई जानी है। टेंडर के बाद ठेकेदार को निर्माण सामग्री (रेता, बजरी, पत्थर) वन निगम या स्टोन क्रशर से खरीदकर खनन गेट के माध्यम से लाने का निर्देश दिए थे। आरोप है कि ठेकेदार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए गौला नदी से अवैध रूप से सामग्री निकालकर दीवार का निर्माण किया।
तराई पूर्वी वन प्रभाग ने छापेमारी के दौरान अवैध रेता-बजरी के ढेर पाए। विभाग ने जब खनन सामग्री के कागजात मांगें तो मौके पर मौजूद कार्यदायी संस्था और ठेकेदार के कर्मचारी कागज नहीं दिखा पाए। प्रथम दृष्टया ये पाया गया कि खनन सामग्री गौला नदी से निकाली गई है। इस पूरे मामले में सिंचाई विभाग की भी लापरवाही पाई गई। जिसके तहत उनके अधिकारियों ने कार्य की निगरानी नहीं की।
पूरे मामले में वन विभाग ने ठेकेदार और सिंचाई विभाग के तीन इंजीनियरों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज एसडीओ अनिल कुमार जोशी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि निर्माण कार्य के दौरान नदी से ही अप खनिज निकालकर लगाया गया है। मामले में जिला प्रशासन की टीम ने संयुक्त निरीक्षण करने के बाद जांच के आदेश थर्ड पार्टी को दिया है। जिससे की पूरे मामले मामले की जांच हो सके।