पिथौरागढ़। स्वास्थ्य विभाग समय समय पर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का कार्य करता है, लेकिन कई गंभीर रोगों का सही समय पर पता नहीं चलने के कारण बाद वह बीमारी जानलेवा भी साबित हो जाती है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ में एसटीआई (यौन संचालित संक्रमण) और (प्रजनन पथ संक्रमण) महिलाओं में फैल रहा है । पिथौरागढ जिले में पिछले तीन वर्षों में 12 महिलाएं संक्रमित मिली हैं, जो पुरुषों की अपेक्षा अधिक हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एसटीआई एचआईवी संक्रमण का पहला कारण भी हो सकता है। पिथौरागढ जिले में तीन साल में 842 लोगों की एसटीआई और आरटीआई जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 12 महिलाएं और छह पुरुष संक्रमित मिले। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पुरुषों की अपेक्षा अधिक महिलाएं संक्रमित मिली हैं। चिकित्सकों का कहना है कि एक से अधिक लोगों के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध के कारण एसटीआई होने का अधिक खतरा रहता है। आरटीआई संक्रमण का प्रमुख कारण गंदे कपड़े पहनना, संक्रमित व्यक्ति के शौचालय का उपयोग करना और हार्मोन्स असंतुलन हैं।
एसटीआई और आरटीआई के लक्षण-एसटीआई के जननांग में खुजली या सूजन, पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार और आरटीआई के मांसपेशियों में दर्द, खांसी आदि प्रमुख लक्षण हैं। संभव है इलाज-चिकित्सकों के अनुसार एसटीआई का इलाज संभव है। बेंजाथीन पेंसिलिन इंजेक्शन से इसका इलाज किया जा सकता है। समय से इलाज न कराने पर संक्रमण अधिक फैल जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक लोगों को एसटीआई और आरटीआई की अधिक जानकारी नहीं होने के कारण यह संक्रमण एचआईवी में बदल सकता है।
डॉक्टरों ने मुताबिक गुप्तांगों की नियमित सफाई, माहवारी के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी। दूसरे के रेजर और निजी कपड़ों के उपयोग से बचना। माहवारी के दौरान खुजली, जलन, असामान्य स्राव, दर्द होने से पर चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।लोगों को एसटीआई और आरटीआई की अधिक जानकारी नहीं है।लोगों को इस संदर्भ में जागरूक होना आवश्यक है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ललित भट्ट ने कहा कि संक्रमण होने पर दोनों पति पत्नी को ही इलाज कराना जरूरी है। इन संक्रमण से बचने के लिए लोगों को खुद जागरूक होना पड़ेगा।