नैनीताल, उच्च न्यायालय ने रुद्रप्रयाग जिले में प्रशासन की ओर से नदी में किए जा रहे खनन को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
रुद्रप्रयाग निवासी रंजीत सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि छह जून को एसडीएम ऊखीमठ की ओर से मनसोना गांव के समीप नदी में खनन के लिए निविदा जारी की गई । यह निविदा नदी के रिवर बेड मेटरियल को साफ करने के लिए थी। खनन विभाग द्वारा यह काम किया जा रहा है। इसमें रिवर ट्रेनिग पॉलिसी को आधार बनाया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि नियमानुसार इस काम को सिंचाई विभाग द्वारा किया जाना चाहिए था। यह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील होने के साथ ही भूकंप की दृष्टि से जोन पांच में आता है।
नदी में विशालकाय बोल्डर गिर रहे हैं जो स्थानीय लोगों के लिए खतरा बने हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता के अनुसार यह नदी खनन के लिए नोटिफाइड नहीं हैं। साथ ही सुप्रीमकोर्ट ने रिवर ट्रेनिग पॉलिसी में पहले से स्थगनादेश पारित किया है।