देहरादून। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया गया है। शीतकाल में धाम की सुरक्षा संभालने वाली आईटीबीपी ने अब यह जिम्मेदारी इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) को सौंप दी है। आईआरबी ने कठिन मौसम में भी सुरक्षा सुनिश्चित की और अब यात्रा सीजन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी आईआरबी निभाएगी। उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री बद्रीनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था में अहम बदलाव हुआ है। हर साल की तरह इस बार भी शीतकाल में धाम की सुरक्षा का जिम्मा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईआरबी) ने संभाला था, लेकिन अब कपाट खुलने के साथ यह जिम्मेदारी इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) को सौंप दी गई है।
शीतकाल में बद्रीनाथ धाम के कपाट छह महीने के लिए बंद हो जाते हैं और इस दौरान क्षेत्र में भारी बर्फबारी व बेहद कठिन परिस्थितियां होती हैं। इन हालातों में आईआरबी के जवान यहां सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं और पूरे समर्पण के साथ अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं, तब सुरक्षा की कमान आईआरबी ने संभाल ली है। सीमाद्वार यूनिट के आईटीबीपी जवानों ने एक औपचारिक प्रक्रिया के तहत आईआरबी को चार्ज सौंपा। अब यात्रा काल के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का पूरा जिम्मा आईआरबी पर रहेगा। इस सुरक्षा हस्तांतरण का मकसद यह है कि धाम की सुरक्षा व्यवस्था पूरे साल व्यवस्थित बनी रहे। आईआरबी ने शीतकाल में जहां विपरीत परिस्थितियों में भी सेवा दी, वहीं अब आईआरबी यात्रा काल में श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। धाम प्रशासन और स्थानीय लोगों ने आईआरबी के कार्य की सराहना की और आईआरबी के सफल कार्यकाल की कामना की।