डॉ. सुजाता संजय का नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज

देहरादून। महिलाओं के स्वास्थ्य और जागरूकता को समर्पित कार्यों के लिए प्रसिद्ध संजय ऑर्थोपेडिक स्पाइन एंड मैटरनिटी सेंटर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय ने एक बार फिर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। हाल ही में उन्होंने 250 से अधिक स्वास्थ्य संबंधी रेडियो टॉक शो पूरे किए हैं, जिसके लिए उनका नाम वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। डॉ. सुजाता का यह सफर समाज के प्रति उनके समर्पण की मिसाल है। इससे पहले वर्ष 2017 में उनके नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी कीर्तिमान दर्ज किया गया था कृ जब उन्होंने 187 से अधिक निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श शिविरों का आयोजन कर 5500 से भी अधिक महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ पहुँचाया था।
डॉ. सुजाता बताती हैं कि उन्होंने 2015 से यह मिशन शुरू किया था ताकि राज्य की महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हों। अपने रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से डॉ. सुजाता ने उन महिलाओं तक भी पहुँच बनाई है जो पहाड़ी और दूरस्थ इलाकों में रहती हैं। कॉल और रेडियो इंटरव्यू के ज़रिए वे हजारों महिलाओं को स्वास्थ्य परामर्श दे चुकी हैं।
डॉ. सुजाता का मानना है कि आज भी कई ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों की महिलाएं आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं और सही जानकारी से वंचित हैं। इसीलिए उन्होंने रेडियो को एक सशक्त माध्यम के रूप में चुना है, ताकि हर वर्ग की महिला कृ चाहे वह गाँव में हो या शहर में कृ अपने स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सके।
“संसाधनों की कमी और सामाजिक झिझक के कारण महिलाएँ अक्सर अपनी छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर देती हैं, जो आगे चलकर गंभीर रूप ले लेती हैं। ऐसे में रेडियो जैसे सुलभ और प्रभावी माध्यम के जरिये स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाना आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है।“ अपने रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से डॉ. सुजाता महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता, गर्भावस्था के दौरान देखभाल, स्तन कैंसर जागरूकता, प्रजनन स्वास्थ्य तथा पोषण जैसे विषयों पर सरल भाषा में मार्गदर्शन देती हैं। उनका उद्देश्य है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और समय पर सही उपचार प्राप्त करें। डॉ. सुजाता कहती हैं, “स्वस्थ महिला ही स्वस्थ समाज की नींव रखती है। यदि महिलाओं को सही समय पर सही जानकारी मिल जाए तो कई बीमारियों से बचाव संभव है।” डॉ. सुजाता ने बताया कि उनके द्वारा रेडियो प्रसारण देश के विभिन्न राज्यों में एफ.एम तथा आकाशवाणी के माध्यम से प्रसारित किया जा रहे हैं। उनकी यह पहल न केवल स्वास्थ्य शिक्षा का प्रसार कर रही है बल्कि समाज में जागरूकता की नई लहर भी पैदा कर रही है। डॉ. सुजाता का यह प्रयास उत्तराखंड  ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन रहा है।