देहरादून। विश्व पुस्तक मेला, प्रगति मैदान, नयी दिल्ली में देहरादून से प्रकाशित नवोदित प्रवाह वार्षिक पहल-2025 का विमोचन विशिष्ट साहित्यकारों द्वारा किया गया। आयोजन के सम्मानित अध्यक्ष बहुचर्चित गीतकार एवं साहित्य अमृत पत्रिका के सम्पादक डा. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी थे। मुख्य वक्ता के रूप में कवि-आलोचक डॉ. ओम निश्चल, गीतकार नरेश शांडिल्य, अनिल मीत, शशिकान्त, सर्व भाषा ट्रस्ट के निदेशक केशव मोहन पाण्डेय ने अपने उद्गार व्यक्त किए। सभी अतिथियों को शाल भेंटकर एवं उत्तराखंडी टोपी पहनाकर पारम्परिक विधि से स्वागत-सम्मान डॉ रेणु पन्त ने किया।
देहरादून से प्रकाशित नवोदित प्रवाह वार्षिक पहल-2025 जिसके सम्पादक रजनीश त्रिवेदी है, का लोकार्पण करते हुए अपने उद्बोधन में डॉ. ओम निश्चल ने कहा कि, अद्यतन प्रकाशित होने वाली हिन्दी पत्रिकाओं में नवोदित प्रवाह अपना विशेष महत्व रखती है। इसका हर अंक नाविन्यमय रहता है। वार्षिक पहल-2025 उसी श्रृंखला का एक समवेत अंक है। साहित्यकार डॉ. राहुल ने इसकी सम्पादन-कला की विशिष्टता की प्रशंसा की प्रसिद्ध कवि ग़ज़लकार नरेश शांडिल्य और लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने प्रवाह के प्रेम विशेषांक के साहित्यिक महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर साहित्यकार अखिलेश चमन, कवयित्री आशमा कौल, मनोज अबोध, प्रवाह की संयुक्त सम्पादक डॉ रेणु पंत विशेष रूप से मौजूद थीं। संचालन अनिल मीत ने किया। यह कार्यक्रम सर्व भाषा ट्रस्ट एवं वयम के द्वारा आयोजित किया गया। सर्व भाषा ट्रस्ट पर लोकार्पण के पश्चात शताब्दी साहित्यकार,पद्मश्री प्रोफेसर रामदरश मिश्र को विश्व पुस्तक मेला के लेखक मंच पर नवोदित प्रवाह वार्षिक पहल-2025 की एक प्रति नवोदित प्रवाह के संपादक एवं संयुक्त संपादक द्वारा भेंट की गई। इस अंक में प्रोफेसर रामदरश मिश्र का साक्षात्कार भी है। विश्व पुस्तक मेला-2025 में नवोदित प्रवाह का विमोचन देहरादून के लिए गौरव का क्षण था।