डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड के दूसरे संस्करण के राष्ट्रीय विजेताओं की घोषणा, उत्तरकाशी के सोमेश पवार ने प्राप्त किया पहला स्थान

देहरादून: दुनिया की प्रमुख उपभोक्‍ता स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता कंपनी, रेकिट ने अपने प्रमुख अभियान डेटॉल बनेगा स्‍वस्‍थ इंडिया के तहत भारत में सबसे बड़े स्‍वच्‍छता ओलम्पियाड डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड के दूसरे संस्‍करण के विजेताओं की घोषणा की। जिसमें उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के अठाली स्थित प्राथमिक विद्यालय के छात्र सोमेश पंवार ने स्‍तर 1 विजेता (कक्षा 1-2) में पहला स्थान प्राप्त किया। ओलम्पियाड का आयोजन बचपन की बीमारियों को रोकने में स्‍वच्‍छता की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्‍य से किया गया था। मुंबई में डेटॉल बनेगा स्‍वस्‍थ इंडिया सीजन 10 के लॉन्‍च अवसर पर 15 ओलम्पियाड विजेताओं को उनके शिक्षकों के साथ सम्‍मानित किया गया।

डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड 2.0 देश के 28 राज्‍यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 3 करोड़ से अधिक बच्‍चों तक सफलतापूर्वक पहुंचा, जिसने भारत के सबसे दूरदराज के इलाकों में भी बच्‍चों को हाथ धोने की जरूरत के बारे में आवश्‍यक ज्ञान और सर्वोत्‍तम प्रथाओं के साथ सशक्‍त बनाया। 2500 गुरुकुल और अन्‍य धार्मिक शिक्षा स्‍कूलों के छात्रों ने भी इसमें भाग लिया, विभिन्‍न वर्ग के प्रतिभागियों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा के प्रश्‍नपत्र को संस्‍कृत भाषा में भी उपलब्‍ध कराया गया था। परीक्षा को 6 से 16 वर्ष की आयु के बच्‍चों के लिए पांच स्‍तरों में विभाजित किया गया था, जिसमें स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता पर बहुविकल्‍पीय प्रश्‍न (एमसीक्‍यू) शामिल थे। कक्षा 1 और 2 के छात्र स्‍तर एक की परीक्षा में शामिल हुए, स्‍तर 2 की परीक्षा कक्षा 3 और 4 के छात्रों के लिए थी, स्‍तर 3 की परीक्षा कक्षा 5 और 6 के लिए, स्‍तर 4 की परीक्षा कक्षा 7 और 8 के लिए और स्‍तर 5 की परीक्षा कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए थी। देशभर में कुल 15 छात्रों (प्रत्‍येक स्‍तर में तीन) को नकद पुरस्‍कार प्रदान कर सम्‍मानित किया गया, पहले स्‍थान पर आने वाले विजेता को 50,000 रुपए, दूसरे विजेता को 35,000 रुपए और तीसरे विजेता को 15,000 रुपए प्रदान किए गए।

रवि भटनागर, डायरेक्‍टर, एक्‍सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप, एसओए, रेकिट, ने कहा, “स्‍वच्‍छता, स्‍वास्‍थ्‍य और साफ-सफाई के प्रति रेकिट की प्रतिबद्धता ने भारत के युवाओं को सकारात्‍मक स्‍वच्‍छता से जुड़े क्षेत्रों में चैंपियन बनने के लिए प्रेरित किया है। डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड (डीएचओ) के दूसरे संस्‍करण के आश्‍चर्यजनक परिणामों को देखकर हम काफी खुश हैं, जिसने भारत के दूर-दराज के इलाकों, अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर बसे आखिरी गांव नामसाई और अंजा से लेकर गुजरात के सुदुर में तलाला तक, सि‍क्किम में नेपाल सीमा के पास उत्‍तरे और मिजोरम में चंपई से लेकर कश्‍मीर में बड़गाम तक, पहुंचने का कठिन काम किया है।
सोमेश पवार, अठाली स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। गंगा नदी के मनोहारी तट पर स्थित, यह विद्यालय काफी शांत जगह है और यह शांत डुंडा ब्लॉक में जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूरी पर है। सोमेश के पिता, दीवान सिंह नभाटा जी और माता, श्रीमती विनीता पवार जी, एक साधारण परिवार से हैं और वे खेती से अपना भरण-पोषण करते हैं। कुछ पैसा कमाने के लिए, सोमेश के पिताजी एक स्थानीय होटल में भी काम करते हैं। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प उनके जीवन के आधार हैं, उनके जीवन में बोये गए हरेक दाने का महत्व है। सोमेश के घर में उनकी दो बड़ी बहनें हैं। पढ़ाई के मामले में वे काफी मेधावी और तेज हैं और उनकी इस प्रतिभा को उनकी मुख्‍य अध्‍यापिका, श्रीमती अंजू ने पहचाना। वह सोमेश की शैक्षिक प्रतिभा, स्वच्छता और समय की पाबंदी के प्रति प्रतिबद्धता के लिए सोमेश की तारीफ करती है। वह अपने स्कूली जीवन में मूल्यों का पालन पूरी लगन से करता है। हाल के दिनों में, सोमेश एक महत्वपूर्ण परीक्षा यथा 9 सितंबर, 2023 को होने वाली डी.एच.ओ परीक्षा की तैयारी कड़ी मेहनत और उत्‍साह से कर रहा था और अपनी मेहनत के दम पर सोमेश इस प्रतिष्ठित परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने में सफल रहा है।