हरिद्वार दिगम्बर अखाड़े के महंत बाबा हटयोगी जी ने बताया के अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मृत्यु बहुत दुखद हैं ,यह सन्त समाज की सबसे बड़ी हानि हैं। साथ ही उन्होंने सभी सन्तो से गुजारिश
की हैं के वह संपत्ति का सदुपयोग करें किसी भी प्रकार की संपत्ति या पैसा श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए यदि संत समाज ही संपत्ति और धन पर मोह करेगा तो उन को मानने वाले सभी अनुयायियों को यह एक गलत मैसेज जाता है इसीलिए कुछ संत जो भटक गए हैं या कुछ गलत लोगों के या भू माफियाओं के संगत में आकर गलत कार्य कर रहे हैं तो वह समय रहते सुधर जाएं।धार्मिक सम्पन्ति को कमर्शियल इस्तमाल से बचना चाहिए। बाबा हठयोगी जी आशंका जताई है कि नरेंद्र गिरी महाराज जी जैसा साहसी व्यक्ति कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता यह एक जांच का विषय है और इस पर निष्पक्ष रुप से जांच होना अनिवार्य है। और जांच में पुलिस द्वारा किसी निर्दोष व्यक्ति को ना फसाया जाए।सुसाइड नोट भी संदिग्ध ही लग रहा है और पुलिस के आने से पहले शव को उतारना भी संदिग्ध हैं।,इसीलिए पुलिस को गम्भीरता से इस केस की जांच करनी चाहिए ।