देहरादून । सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत आज (बुधवार) गुजरात के लिए रवाना हो गये हैं। डॉ0 रावत गुजरात के केवडिया में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’ में भाग लेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस चिंतन शिविर में सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री प्रतिभाग करेंगे। जिसमें ‘स्वस्थ राज्य, स्वस्थ राष्ट्र’ की अवधारणा पर भविष्य का रोडमैप तैयार किया जायेगा।
गुजरात रवाना होने से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को दिये बयान में बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 5 से 7 मई तक केवडिया में राष्ट्रीय स्तर के तीन दिवसीय ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार एवं सुधारीकरण के लिए राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया जायेगा, जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मांडविया करेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का विकास सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में है। भारत सरकार के विशेष सहयोग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को पर्वतीय, दूरस्थ एवं अति दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने में जुटी है। राजकीय अस्पतालों में त्वरित उपचार के लिये 207 प्रकार की निःशुल्क पैथोलॉजी जांच एवं दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध है, जो आम जन के बीच एक लोकप्रिय योजना के रूप में स्थापित हो रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर सूबे में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना संचालित की जा रही है, जिसके माध्यम से सूबे के प्रत्येक परिवार को रूपये 5 लाख तक का निःशुल्क उपचार दिया जा रहा है। अब तक लगभग पांच लाख लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। ऐसे ही आपात स्थिति के दौरान दूरस्थ भौगोलिक क्षेत्रों से मरीजों को उपचार हेतु हायर सेंटर तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क एयर एम्बुलेंस की सुविधा दी जा रही है। डॉ0 रावत ने कहा कि चिंतन शिविर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयासों एवं भविष्य की योजनाओं को रेखांकित करते हुए चिकित्सा के विस्तारीकरण एवं सुधारीकरण के लिए सुझाव रखे जायेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन का उद््देश्य स्वस्थ भारत के लिए एक रोडमैप तैयार करना है, जो ‘स्वस्थ राज्य, स्वस्थ राष्ट्र’ की अवधारणा पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि देशभर में सस्ती, सुलभ और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए योजनाओं का निर्माण किया जाना आवश्यक है, जिसमें भविष्य में महामारियों की रोकथाम और आरोग्य राष्ट्र के लक्ष्य का निर्धारण करना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक स्तर पर श्रेष्ठ चिकित्सकीय शोधों को साझा कर राज्यों के साथ आपसी सहयोग तथा समन्वय स्थापित किया जाना आवश्यक है।