जब खेती विज्ञान से जुड़ेगी तभी कृषि का भविष्य सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध होगाः मंत्री जोशी

देहरादून। ग्राफिक एरा में कृषि को विज्ञान से जोड़ते हुए नवाचार और तकनीक का प्रभावी संगम प्रस्तुत किया गया। उत्तराखंड के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जब खेती विज्ञान से जुड़ेगी तभी कृषि का भविष्य सशक्त सुरक्षित और समृद्ध होगा। वह आज ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में एग्रीफेस्ट कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। गणेश जोशी ने कहा कि किसान केवल अन्नदाता नहीं बल्कि पूरे देश को पोषित करने वाला आधार है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी शिक्षा से मिली सीख को जमीन पर लागू करें और खेती को तकनीक नवाचार और वैज्ञानिक सोच से जोड़कर देश की कृषि प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। गणेश जोशी ने ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के चेयरमेन डॉ कमल घनशाला के विज़न की तारीफ करते हुए कहा कि डॉ घनशाला ने ना केवल भारत की मिट्टी को चुना, बल्कि उत्तराखंड को अपनी कर्मभूमि बनाकर ऐसा संस्थान खड़ा किया जिसने हजारों युवाओं के सपनों को दिशा दी और पूरे देश के विकास में एक नई ऊर्जा का संचार किया।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के चेयरमेन डॉ कमल घनशाला ने कहां की जैविक खेती का बढ़ता चलन नई संभावनाएं खोल रहा है और ग्राफिक एरा किसानों व उपभोक्ताओं के बीच एक मजबूत सेतु बनाकर कृषि क्षेत्र के विकास में एवं भूमिका निभा सकता है। गणेश जोशी ने एग्रीफेस्ट के तहत आयोजित कृषि मेले का उद्घाटन किया, जिसने प्रदेश की कृषि परंपरा और स्थानीय उत्पादों को एक मंच पर प्रस्तुत किया। मेले में मेला की स्टाल में मांडवे से बने उत्पादों, पहाड़ी अचार व व्यंजन, विभिन्न प्रकार के मशरूम, पहाड़ी अनाज, स्थानीय पहाड़ी शहद और हैंडमेड क्रोशिया आकर्षण का केंद्र रहे। कृषि मेले में केवल उत्तराखंड की प्राकृतिक विविधता और कारीगरी को दर्शाया बल्कि किसने की मेहनत और भारतीय कृषि परंपरा की झलक पेश की। कृषि संवाद सत्र में उत्तराखंड कृषि निदेशालय की सहायक निदेशक श्रीमती प्रियंका सिंह ने विभाग की नीतियों, योजनाओं और युवाओं के लिए उपलब्ध कैरियर संभावनाओं पर जानकारी दी। एग्रीफेस्ट का आयोजन गग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर ने किया। कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अमित आर भट्ट, उमंग स्वायत्त सहकारिता की सचिव मीना कैंतूरा, डीन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर डॉ मुकेश कुमार नौटियाल, एचओडी डॉ अरविंद सिंह नेगी, डॉ नीलम बसेरा, डॉ दीपा नैनवाल समेत अन्य शिक्षक शिक्षक छात्र छात्राएं और किसान शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रज्ञा गोस्वामी ने किया।